इंदौर जिले का एकमात्र शनिमंदिर जहां शनिदेव गज के साथ स्थापित हैं। ऐसा शनिमंदिर जहां शनिदेव का मुख सौम्य है, क्रोधित नहीं है। यह एकमात्र शनिमंदिर जहां भक्त मन्नत के नारियल बांधते है। यह कोई साधारण मंदिर नहीं है, कहा जाता है, जो भी आठ शनिवार रात्रि आरती में उपस्थित होता है, उसकी सारी समस्याओं का हल हो जाता है। इंदौर से ही नहीं, देश विदेश से भक्त इस मंदिर में आते हैं। जहां शनि शिंगणापुर की पवित्र ज्योत मंदिर परिसर में स्थापित है, जहां गर्भगृह की छत पर 5×5 फीट का श्रीयंत्र पुष्य नक्षत्र में हाथों से बनाकर सिद्ध करके भक्तों के लाभार्थ स्थापित किया गया है। इस मंदिर से निशुल्क अभिमंत्रित तेल दिया जाता है, जो जोड़ो का दर्द, घुटने का दर्द, कमर दर्द, सिरदर्द, लकवा आदि के लिए चमत्कारिक कार्य करता है, जो विदेशों में भी कई रोगियों को राहत पहुंचा चुका है। प्रति शनिवार रात्रि आरती के पश्चात परामर्श नि:शुल्क रहता है। मंदिर व महामंडलेश्वर संत श्री दादू जी महाराज संस्थान द्वारा अनेक धार्मिक कार्यों के साथ साथ समाज सेवा के भी अनेक कार्य किए जा रहे हैं। गजासीन शनिधाम में श्री चिंताहरण हनुमान जी की भी स्थापना की गई है। माना जाता है कि यह एक वरदान है जो दोनों के दर्शन एक साथ करता है, उसपर शनि की दृष्टि सौम्य हो जाती है। इतना ही नही बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव की गज पर सवारी से लक्ष्मी की प्राप्ति जल्दी होती है। प्रति शनिवार समस्याओं के निराकरण के लिए शनिदेव का तेल से अभिषेक विधि पूर्वक किया जाता है । जिसके लिए पहले अपना नाम लिखवाना अनिवार्य है। ८ शनिवार रात्रि आरती में उपस्थित हो कर स्वयं लाभ, राहत, प्रसन्नता का अनुभव कर सकते हैं।
महामंडलेश्वर संत श्री दादू महाराज:
१७ जनवरी को जन्मे महामंडलेश्वर संत श्री दादू महाराज, गजासीन शनि मंदिर, उषा नगर के संस्थापक हैं। यह मंदिर भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां शनि देव गज अर्थात हाथी पर आसीन हैं, और महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज ने इसे आध्यात्मिक के साथ साथ शैक्षणिक और सामाजिक केंद्र भी बनाया है।
आध्यात्मिक गतिविधियाँ:
महामंडलेश्वर के रूप में, श्री दादू महाराज ने आध्यात्मिक सभाओं और यात्राओं का संचालन किया है। शनि मंदिर में भक्तों के लिए आध्यात्मिक उपदेश और पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है। गुरुकुल प्रणाली की तरह से धार्मिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया जाता है।
शिक्षात्मक गतिविधियाँ:
महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज ने शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्तर की शिक्षा के लिए अपने समर्पण का सकारात्मक योगदान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हुए हैं तथा गुरुकुलों में शिक्षार्थियों के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।
सामाजिक गतिविधियाँ:
महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज ने ब्लड डोनेशन और निरक्षरता निवारण जैसे क्षेत्र में अनेक सामाजिक कार्यों को करने की जिम्मेदारी ली है। गाँवों में स्वच्छता अभियानों का समर्थन करते हैं और लोगों को जागरूक करते हैं। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में गरीब और असहाय वर्गों के लाभ के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया है। महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज का सम्पूर्ण संसार को यह संदेश है कि वह समर्पित रूप से आध्यात्मिकता, शिक्षा, और सामाजिक क्षेत्रों में सेवा करते हैं।
लोगों की मदद के लिए और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रति शनिवार नि:शुल्क परामर्श भी देते हैं, जिसमें सैकड़ों भक्त दूर-दूर से हर शनिवार को आते हैं। उसमें बहुत से भक्त अलग-अलग शहरों से अपनी समस्याओं का हल लेने आते हैं। महामंडलेश्वर श्री दादू महाराज द्वारा स्थापित गजासीन शनि मंदिर भी आज देश-दुनिया का एक प्रसिद्ध मंदिर बन गया है जिसकी ख्याति हर दिन तेजी से बढ़ रही है और यह कई हजारों लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है। यहाँ का अभिमंत्रित तेल भारत और विदेशों तक जाता है, और वह भी नि:शुल्क दिया जाता है, जिससे घुटने, पीठ तथा जोड़ो के दर्द में लगाया जाता है और उसके आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।
गरीबों की मदद करना, निशक्तों और कोढियों की सेवा करना, उनका साथ देना, लोगों से अच्छा व्यवहार करना, अपनी आय में से यथासंभव दान करना, धर्म वृत्त आचरण करना, समाज से कुरीतियों को दूर करना, नशा मुक्ति अभियान चलाना, युवाओं को प्रोत्साहन देना।आदि कार्य दादू महाराज संस्थान द्वारा संचालित किए जाते हैं।
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प्रातः ६ बजे से रात १० बजे तक
रात्री ८:३० से शुरू